प्रयागराज, अप्रैल 24 -- प्रयागराज संजोग मिश्रलोकसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दल दलितों के हितैषी होने का दावा कर रहे हैं। कोई पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक (पीडीए) फॉर्मूला दे रहा है तो कोई पिछड़ा-दलित-मुस्लिम (पीडीएम) मोर्चा बना रहा है। इस परिदृश्य में ऐसा लगता है कि आजादी के 77 साल बाद भी दलित समाज अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है। हम इतिहास के पन्नों को पलटे तो पाएंगे कि दलितों के हक की लड़ाई एक सदी से अधिक समय से चली आ रहा है जिसका गवाह प्रयागराज स्वयं है। अधिक राजनीतिक अधिकारों और आर्थिक न्याय के लिए वंचित समाज ने एक सदी पहले खुद को मुखर करना शुरू कर दिया था। पासी समुदाय ने अपनी मांगों को राजनीतिक दावे के रूप में व्यक्त किया और आज से 109 साल पहले 1915 में प्रयागराज के नया पुरवा गांव निवासी भजन मंडली के सदस्य विश्वेश्वर दास के नेतृत्व में...