आरा, फरवरी 9 -- रामकथापीरो, संवाद सूत्र। गरहथा में आयोजित मां काली प्राण प्रतिष्ठात्मक लक्ष्मी नारायण महायज्ञ की सफलता को लेकर चल रही रामकथा के दौरान काशी से आये संत हयग्रिवाचार्य जी महाराज ने सीता के जन्म की कथा सुनायी। अकाल पड़ने पर राजा जनक अपने गुरु महर्षि सदानन्द के पास जाते हैं और उनसे आग्रह करते हैं कि क्षेत्र में आकाल पड़ा है और प्रजा अन्न के बिना मरने की स्थिति में है। ध्यान टूटने पर महर्षि सदानन्द राजा जनक को बताते हैं कि आप यज्ञ करें और यज्ञ के समापन पर बारिश होगी। बारिश होने के बाद खेतों में अन्न उगेगा और प्रजा को भूख से शांति मिलेगी। राजा जनक ने यज्ञ का आयोजन किया और यज्ञ के समापन पर घोर बारिश हुई। राजा जनक ने खेतों में खुद हल चलाया और तब जाकर जनक किशोरी सीता का जन्म हुआ। कथा के दौरान गरहथा समेत जेठवार, शिवपुर, वरूणा, अमई, हसन ...